Monthly Archives: September 2013

चलो, हम सब हिंदू मूलतत्ववादी बन जाते हैं

धार्मिक मूलतत्ववादीओं की संख्या बढ़ती जा रही है और यह हमारे समाज के हित में बिलकुल नहीं है। अधिकांश लोग इस बात से सहमत होंगे, मगर इस बात की छान–बीन करनेवाले लोग बहुत थोडे होंगे कि, धार्मिक मूलतत्ववादी होते क्या हैं ।  जाहिर है कि, ऐसे लोग अपने धर्म के मूल तत्वों से चिपके रहना […]

कृपया मत कहिये कि, “सभी धर्म समान हैं”

हठधर्मी ख्रिश्चानिटी के दम घुटनेवाले माहौल में पली हुई एक महिला के विचार, जो हिंदू धर्म की लचीली स्वतंत्रता और ताजापन को सहारती हैं- और हिंदू समाज के एक घटक की अपने निजी धर्म के प्रति अपराध की भावना को देख कर अचम्भित महसूस करती है- हालांकि जीवन में पूर्णत्व पाने के लिये हिंदू धर्म […]

Research on Rebirth

The belief in rebirth is in the blood of most Indians. It is not a blind belief. There is a lot of evidence for it, as the author discovered. I don’t remember which Bollywood movie it was. Two heroes were wooing the heroine and naturally one had to die in the end, because she could […]